jojobet giris jojobet güncel giriş https://tr.jojobet-giris.live/

जातिवादी हिंदुओं से विराट हिन्दु धर्म को गंभीर खतरा

मेरा सोच एकदिन  में विकसित नहीं  हुआ है, इसकी एक नहीं सैकड़ों वजह हैं

          सत्येन्द्र जैन

मेरा सोच एकदिन विकसित नहीं हुआ है, इसकी एक नहीं सैकड़ों वजह हैं। देशभर में फैले  भगवता चार्यों रामकथा वाचकों बागेश्वर धाम सीहोर के पंड़ित जी  के मुखार बिंद से निरतंर झर रहे हिंदुवादी परनाले नालियों  ने  चस्पा कर दिया है कि जातिवादी हिंदुओं से विराट हिन्दु धर्म को गंभीर खतरा मुंह बांये खड़ा है।  में इतिहास का छात्र हूं सिविल सेवा के लिये 1991 से 1996 तक लगातार पीएससी  आरएएस,आरपीएससी की मुख्य परीक्षाएं दी 1984 का दंगा देखा 1989 का आरक्षण लागू किये जाने के वीपी सिंह के फैसले को देखा कमंडल की आडवाणी ब्रांडराजनीति देखी , लालू मुलायम की मंडल राजनीति कांशीराम बसपा का मायावती का  उत्थान पतन  देखा । 1989 से लेकर 2025 तक  देश भर के हिन्दी भाषी  समाचार पत्रों में दैनंदिन  छप रहीं  खबरों , साढे  तीन  दशक 24X7  हल्लागुल्ला  मच रहे खबरिया चैनलों की बहसों में भगवा वस्त्रधारियों की भडकाऊ भाषा से छन छन कर  बाहर आया । इससे  लगने  लगा है  कि हिंदुओं को तो मुगल  की नस्ले  ही  ढंग से ठीक करेंगी। इनसे एक जस्टिस गवई बर्दाश्त नहीं हो रहा।देश में मुश्किल से अनुसूचित जाति  दूसरा आदमी है जो ढंग की जगह पर है। उनसे भी दिक्कत है, गवई सर के ही समय में “मी लॉर्ड” कहने से दिक्कत पैदा  हो रही है, 75 साल से सबको, जिला जज तक को, मी लॉर्ड कहा है सुहाता था। सुधार करना है तो गवई साहब के बाद होगा, इनके समय में बोलना पड़ेगा, अरे   हिन्दुत्व के ठेकेदारों  बस  जज साहब ने कह दिया – विष्णु की मूर्ति एएसआई के दायरे में  है।  मैं इस पर निर्णय  नहीं दे पाऊंगा. सर्वोन्या का विषय  नहीं ,वहां एक शिव मंदिर है, तब तक वहां जाओ।यदि सच्चे विष्णु भक्त हो तो उनसे ही प्रार्थना करो, वही कुछ कर सकते हैं। अब जाओ,मामला खारिज उनकी एक लाइन पकड़कर नंगे नाच रहे हो? मीम बना रहे हैं. गले में मटका पहना कर और चेहरे पर जूते का निशान लगाकर एआई से वीडियो बना रहे हैं। उन पर थूकने का आह्वान हो रहा है! पागल हो गए हो क्या? आदमी जाति से नहीं, ऐसे नीच कर्मों से नीच होता है।लेकिन  हिंदू संत इसकी आलोचना भी नहीं कर रहे हैं? किस बात के संत हैं? ऐसे बनेगा विराट हिंदू? ऐसे करोगे एकता? सुधार की आकांक्षा से की गई मेरी आलोचनाओं के भी मीम बनते हैं. इनको लगा था कि मोदी जी आएं हैं, अब आरक्षण खत्म होगा. बड़ा मजा आएगा. मोदी जी ने कह दिया कि आरक्षण तो मेरी लाश पर ही खत्म होगा. तब से कई लोग मोदी जी से भी तपे हुए हैं। अरे भाई, मोदी जी को देश चलाना है। 25 साल से बंदा कोई चुनाव नहीं हारा, राम मंदिर बन गया,. कश्मीर में 370 खत्म कर दी, भारत के संविधान लागू हो गया, तीन तलाक गया, उनका  दृष्टि विकसित और  सशक्त भारत पर है। वे नए युग में भारत को ले जाना चाहते हैं और आपकी चिंता है कि चीफ जस्टिस के मुंह पर थूकना है! आप उनको राजनीति सिखाओगे? और मोदी से नाराज होकर जाओगे किधर? राहुल गांधी के पास? वह तो मुस्लिम समीकरण बनाकर मुग्ध हैं। ऊपर से वे कहां कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म कर देंगे। तो वहां भी तुमको घंटा मिलेगा, ऊपर से धर्म की भी हानि होगी सो बयान से रंगनाथ मिश्रा और सच्चर फिर से जिंदा हो जायेगे
. शाहबानो जजमेंट फिर पलटे जाएंगे. तो बात गवई साहब की, क्या ही गलत कहा है विद्वानों ने कि हिंदू अपनी जाति में जीता है, जाति में मरता है. बाबा साहब के शब्दों में वह चूहे के बिल में रहता है।जाति उसका धर्म है, जाति उसका राष्ट्र है खैर, उनका कहा माना किसने? आ रहे हैं वे। अब वही सुधारेंगे,असम में 40% और पश्चिम बंगाल में 35%, यूपी में 25%+, पश्चिम यूपी में और ज्यादा।ये इलाका आपके हाथ में नहीं है। मजबूत शासन है, इसलिए शांति है. आबादी तो बढ़ेगी ही, रोक पाए हो? आजादी के समय 9% थे।इस बार देखना जनगणना में. तब समझ में आएगा कि क्या बोल रहा हूं. समझो इस बात को. नई घुसपैठ ज्यादा नहीं है. बॉर्डर टाइट है. भारत में कोई स्वर्ग नहीं है कि बांग्लादेश का आदमी आकर यहां नाले के किनारे घर बनाकर रहेगा. प्रति व्यक्ति जीडीपी का जमीन आसमान का फर्क नहीं है. एक समय था. तब हुई थी घुसपैठ। उनको भी कहां ही निकाला गया।ये आंतरिक वृद्धि है, कानून ही ऐसे हैं कि मुसलमानों के ज्यादा बच्चे होंगे ही। उनको कम उम्र की लड़कियों से शादी करने की कानूनी इजाजत हैष चार बीवी रख सकते हैं, विधवा वहां लगभग हैं ही नहीं, लाभार्थी योजनाओं का पैसा बरस रहा है बच्चे ऊपर वाला नहीं, सरकार पाल दे रही है।है कोई काट? सरकारी पैसे से मदरसे और मुस्लिम यूनिवर्सिटी चल रहे हैं। सरकारी पैसे से इमाम बन रहे हैं,जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 2011 में जब  दलित आदिवासी कोटा खत्म हुआ और मुसलमानों का 50% कोटा आया तो इसका जश्न सामान्य वर्ग  के हिंदुओं ने मनाया था. कहा कि फायदा होगा ।टाइम्स ऑफ इंडिया में खबर छपी थी।दिखाऊं आपकी नीचता? मेरे अलावा उस समय किसी ने विरोध किया हो तो बताओ। आपको दलित आदिवासी – बर्दाश्त नहीं। लेकिन मुसलमानों के साथ आपका गंगा-जमुनी है. गजल है, सूफी है, अकबर का दरबार है,शादी-ब्याह भी है, और ऊपर से हिंदू धर्म को कुछ लोगों के लिए नर्क बनाने पर तुले हुए हुए हो। झेल ही नहीं पा रहे हो किसी को। घोड़ी पर दूल्हा चढ़ जाए तो आग लग जाती है कुछ लोगों को। ऐसा करने वालों में यादव , गुर्जर ,लोधी किरार ,कुशवाहा रावत धाकड़  मिर्धा बहुत हैं बल्कि अब वही ज्यादा हैं ।कोई दलित आईएएस टॉपर बन जाए तो उनके खिलाफ अभियान चल जाता है। आरएसएस के समझदार बुड्ढे समझा रहे हैं कि एक पानी, एक मंदिर, एक श्मशान करो, भेदभाव मत करो, सहभोजन करो, विराट हिंदू बनाओ।