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चन्देरी का हर बुनकर सोने के समान है और इनकी सुरक्षा व समृद्धि मेरी जिम्मेदारी- सिंधिया

पूरे विश्व में सिर्फ इन 6 हजार बुनकरों के पास है हस्तकला का हुनर-सिंधिया

अशोकनगर। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, ने आज चंदेरी में इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन स्कीम (IIUS) प्रोजेक्ट, हैंडलूम पार्क का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित राज्य विभाग के अधिकारियों एवं परियोजना निदेशक के साथ विस्तृत बैठक की। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र की सजीव मिसाल माने जाने वाले इस केंद्र की विस्तृत समीक्षा की और बुनकरों को सीधे लाभ सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन एवं परियोजना हितधारकों को कड़े निर्देश दिए। सिंधिया ने कहा, “मेरा हर बुनकर सोने के समान है। आप लोग इस देश के खज़ाना हैं, और आपकी सुरक्षा व समृद्धि मेरी जिम्मेदारी है।”

बुनकरों की आय बढ़े उन्हें, हैंडलूम पार्क हर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ मिले

केन्द्रीय मंत्री ने चंदेरी की इस जीवंत परंपरा से जुड़े 6,000 बुनकरों तथा हैंडलूम पार्क में कार्यरत सभी 240 सक्रिय करघों के संचालन की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। सिंधिया ने प्रशासन एवं परियोजना प्रमुख को सख्त निर्देश दिए कि वे आपसी समन्वय से कार्य करते हुए बुनकरी उद्योग के पुनरोद्धार हेतु एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस योजना में बुनकरों की आय, उत्पादन, तथा हैंडलूम पार्क के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों का विस्तृत मूल्यांकन शामिल होना चाहिए, ताकि योजना की सफलता को धरातल पर मापा जा सके।
बुनकरों से संवाद के दौरान सिंधिया ने कहा कि पूरे विश्व में सिर्फ यही 6 हजार बुनकर हैं जिनके पास यह हस्तकला का हुनर है। इन हाथों से बनने वाला हर उत्पाद प्रीमियम उत्पाद है। पूरा विश्व मशीनों की ओर भाग रहा है लेकिन आप सभी हाथों से इन कपड़ों का उत्पादन कर रहे हैं। जो डिजायन और गुणवत्ता आप लोग बना रहे हैं, वो पूरे विश्व में कही नहीं है इसलिए इसकी मांग बढ़ना और आपका मुनाफा बढ़ना तय है।

शुद्धता होसुनिश्चित, बिचौलियों को खत्म करेंगे सिंधिया

सिंधिया ने निर्देश दिया कि इस बात का विस्तृत अध्ययन हो कि हैंडलूम पार्क आने से बुनकरों को कच्चे माल की खरीद से लेकर पैकेजिंग और ब्रांडिंग तक क्या लाभ मिल रहा है, जो उन्हें घर पर नहीं मिलता। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चंदेरी की बुनाई कला प्रदूषित नहीं होनी चाहिए, यानी उत्पादों में किसी भी कीमत पर मिलावट नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बिचौलियों को पूरी तरह से जड़ से खत्म करने पर जोर दिया और बुनकरों को अपनी वेबसाइट बनाकर सीधे ग्राहकों को बिक्री करने का सुझाव दिया। सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश डिजिटल पथ अपनाकर पूरे विश्व के साथ कदमताल कर रहा है, ऐसे में हमारे बुनकर भाइयों को भी डिजिटल इंडिया का लाभ उठाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि फैब इंडिया और रॉ मैंगो जैसी खरीददार कंपनियों के कार्यालयों की स्थिति की जाँच की जाए और अधिक से अधिक कंपनियों के कार्यालय यहाँ स्थापित करवाए जाएं, ताकि वे सीधे बुनकरों से खरीद करें।

मानवीय सुविधाओं और तकनीक का हो उन्नयन
केन्द्रीय मंत्री ने पार्क के रखरखाव और वहाँ की मानवीय सुविधाओं पर ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बुनकरों के लिए एक कमरा खाली हो, जहाँ वे रात बिता सकें, और अन्य खाली कमरों को उनके बच्चों के लिए अलग कमरा बनाने पर विचार किया जाए। उन्होंने बुनकरों के लिए एक स्थायी सुविधा के रूप में वीवर सर्विस सेंटर का कार्यालय चंदेरी में ही स्थापित करने को कहा, जो वर्तमान में केवल इंदौर में है। उन्होंने वर्ष 2008 में स्थापित की गई 6 CAT CAM मशीनों की स्थिति की जाँच कर उन्हें तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए निर्देश दिया कि पार्क में मौजूद 240 करघों में से 120 करघों पर महिला बुनकर होनी चाहिए।

सिंधिया शशांक संवाद
बैठक के बाद, केन्द्रीय मंत्री ने बुनकरों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना, जिस पर तुरंत कार्रवाई के लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए। इस दौरान बीएससी स्नातक बुनकर शशांक से मिलकर केन्द्रीय मंत्री प्रभावित हुए, जिसने 3 साल में 100 से अधिक चंदेरी साड़ियाँ बनाकर ₹3,00,000 से अधिक की कमाई की है। सिंधिया ने शशांक सहित सभी बुनकरों को आश्वासन दिया कि उनकी प्रतिभा और हुनर को सही मंच देने के लिए सरकार कटिबद्ध है। यह दौरा चंदेरी के हस्तकला उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और उसकी शुद्धता को कायम रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।