matbet matadorbet

आए दिन बढ़ रहे स्तन कैंसर पर हमें शर्म छोड़कर जागरूक होने की आवश्यकता : डॉक्टर डी.परमहंस

आत्म-स्तन परीक्षण पर विशेष जागरूकता की आवश्यकता: डॉक्टर डी.परमहंस

स्तन कैंसर जागरूकता माह अभियान जारी:मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञों ने कहा- लक्षणों की जानकारी से शुरुआत में ही पहचान करना जरूरी

अजनबी न्यूज शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, शिवपुरी में सर्जरी विभाग द्वारा अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस के मार्गदर्शन में विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनंत राखोन्डे के नेतृत्व में मंगलवार को ‘स्तन कैंसर जागरूकता माह’ के तहत अभियान चलाया गया। इसका उद्देश्य महिलाओं में तेजी से बढ़ते स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें समय पर इलाज के लिए प्रेरित करना है। मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों द्वारा ” रोल प्ले” (नाटक) के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता संदेश दिया। कार्यक्रम में मौजूद विशेषज्ञों ने कहा कि स्तन कैंसर का शुरुआती चरण में पता चलना जीवन बचाने में सहायक होता है।

कार्यक्रम के दौरान डीन डॉक्टर डी.परमहंस न कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि सभी को शर्म छोड़कर बीमारी के बारे जागरूक होना बेहद जरूरी है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना, आत्म-स्तन परीक्षण (self-breast examination) के महत्व पर जोर देना और शीघ्र निदान को प्रोत्साहित करना है। हम कुछ समुदाय के साथ मिलकर या अपने ओपीडी में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का प्रयास भी कर रहे हैं, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर भी शामिल हो। मेडिकल कॉलेज में एफएनएसी जांच के साथ-साथ हिस्टोपैथोलाॅजी द्रारा जांच के लिए निकाली गई गठान से कैंसर का बायोप्सी टेस्ट भी हमारी पैथोलॉजी में निःशुल्क किया जा रहा है।

इस दौरान डॉक्टर हेमलता बामोरिया ने बताया कि एफएनएसी (Fine Needle Aspiration Cytology) एक महत्वपूर्ण जांच है जो डॉक्टर गांठ, सिस्ट, या सूजन जैसे असामान्य द्रव्यमान से कोशिकाओं का एक छोटा नमूना लेने के लिए एक पतली सुई का उपयोग करते हैं। यह प्रक्रिया त्वरित, अपेक्षाकृत सस्ती और न्यूनतम आक्रामक है, जो आमतौर पर ट्यूमर कैंसरग्रस्त है या नहीं, यह पता लगाने के लिए की जाती है। इस नमूने का विश्लेषण एक पैथोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है ताकि निदान किया जा सके, इस जांच से कम समय में एवं बिना किसी परेशानी के आंचल की गठान, कैंसर की गठान है या नही, इसका पता लगाया जा सकता है। जिससे मरीज का इलाज सही समय पर हो सके। अतः एफएनएसी की जांच कराने से डरे नही। जिम्मेवार जागरूक नागरिक बने।

 

जागरूकता के अभाव में होती है महिलाओं की मौत

सीनियर रेसीडेन्ट डॉक्टर संगीता राजपूत के अनुसार, समय पर जांच और सही उपचार से स्तन कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है। इसलिए, किसी भी गांठ या असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें, बल्कि तत्काल जांच कराएं। अधिकांश जगह देखने में आता है जागरूकता के अभाव में बड़ी संख्या में महिलाओं की मौत हो जाती है।

 

कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनंत राखोन्डे ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता पर कार्यशाला में छात्रों द्वारा नाटक, पोस्टर और प्रस्तुत कर लोगों जागरूक करने का प्रयास किया। ‘पिंक कलर’ के नाम से बनाए गए ‘लोगो’ के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि यह सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि समय पर सजगता की आवश्यकता है। डीन सर द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में विस्तृत बताया गया। विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने बहुत ही सरल भाषा में( डॉ कौशलेंद्र , डॉ संगीता , डॉ हेमलता बमौरिया , डॉ अनिल कुशवंशी ) ने उपस्थित सदस्यों को जागरूकता हेतु जानकारी दी। मंच संचालन के साथ अतिथियों का स्वागत डॉ सौरभ चौहान एवं आभार डॉक्टर रमन ओहरी द्वारा किया गया।

डाक्टर कौशलेंद्र नरवरिया ने कहा कि महिलाओं में होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर सबसे आम है। चिंताजनक बात यह है कि जागरूकता की कमी के कारण ज्यादातर मामले एडवांस स्टेज में सामने आते हैं, जिससे इलाज जटिल हो जाता है।

कार्यक्रम के दौरान चिकित्सालय अधीक्षक डॉ आशुतोष चौऋषि, विभागाध्यक्ष डॉक्टर इला गुजरिया, डॉक्टर विभागाध्यक्ष धीरेंद्र त्रिपाठी (एम. टी .ए. अध्यक्ष ), विभागाध्यक्ष अपराजिता तोमर, विभागाध्यक्ष डॉक्टर ऋतू चतुर्वेदी, सहा. पीआरओ राहुल अष्ठाना सहित कॉलेज के समस्त वरिष्ठ सीनीयर, जूनियर डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एमबीबीएस छात्र – छात्राऐं , सिक्योरिटी स्टाफ , सफाई कर्मचारी , मरीज और उनके परिजनों की भागीदारी रही ।